और 20 से अधिक घंटे बाद दर्ज हुई प्राथमिकी -ममला युवक को जिंदा जलाने का

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और 20 से अधिक घंटे बाद दर्ज हुई प्राथमिकी -ममला युवक को जिंदा जलाने का

 


नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) आखिरकार युवक को जिंदा जलाने की प्राथमिकी उग्रवाद प्रभावित कौआकोल पुलिस को दर्ज करनी पड़ी। 20 घंटे बाद दर्ज प्राथमिकी ने पुलिस कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। 20 से अधिक घंटों तक परिजनों को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिये नवादा समेत झारखंड राज्य के दो थानों का चक्कर लगाना पड़ा। ऐसे में शव की दुर्गति होती रही तो परिजन परेशान रहे। 

क्या था मामला:- बिहार-झारखंड की सीमा पर बुधवार को एक युवक की निर्मम हत्या की गई थी। जिंदा जलाने की बात सामने आ रही थी। घटनास्थल  जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल थाना और झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला के लोकायन थाना का सिमाई इलाके का था। कौआकोल पुलिस घटनास्थल झारखंड बताकर प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही थी। गुरुवार की देर शाम आखिरकार कौआकोल थाना में ही एफआईआर दर्ज हुआ। कई घंटे तक परिजन शव को लेकर बिहार-झारखंड के थानों की चक्कर लगाते रहे। 

मृत युवक झारखंड राज्य के गिरीडीह जिला अंतर्गत गांवा थाना के डूमरझारा गांव निवासी सोमर साव का पुत्र मुकेश कुमार साव (30) वर्ष बताय गया था । घटना का कारण स्पष्ट नहीं है। एफआईआर के बाद स्थिति काफी कुछ साफ हो सकती है। पुलिस का आधिकारिक पक्ष आना बाकी है।

वैसे, बताया जा रहा है कि कौआकोल थाना क्षेत्र के रानीगदर में तालाब का निर्माण हो रहा था। जिसमें मृतक का ट्रैक्टर मिट्टी ढोलाई के काम में लगा हुआ था। बुधवार को मृतक  मुकेश अपने भाई छोटू साव के साथ बाइक पर डीजल लेकर ट्रैक्टर में डालने के लिए घर से निकाला था। रास्ते में झरनमां के पास पूर्व से घात लगाए बैठे 5-6 की संख्या में रहे बदमाशों ने बाइक को रोककर मुकेश को उतार लिया और उसके साथ मारपीट करने लगा। फिर बाइक तथा उसके उपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दिया। 

इसी बीच मौका पाकर साथ रहा मृतक का भाई छोटू किसी तरह वहां से भाग निकला और घटना की जानकारी घर वालों को दी। जबतक घरवाले घटना स्थल पर पहुंचते तब तक मुकेश की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने इसकी सूचना कौआकोल थाना को दी। यहां की पुलिस ने झारखंड का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया था। 

तब मृतक के परिजन झारखंड के गांवा, लोकाय तथा घुठिया थाना की पुलिस को सूचना दी। वहां की पुलिस ने भी कौआकोल थाना क्षेत्र की सीमा का मामला बता पल्ला झाड़ लिया था।जिसके बाद मृतक के परिजन कौआकोल थाना पहुंचे और घटना की प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया।  कौआकोल पुलिस फिर अपनी बात पर अड़ी रही। काफी जद्दोजहद के बाद कौआकोल थाना की पुलिस गुरुवार की शाम को घटनास्थल के लिए प्रस्थान की, यह जानने के लिए वारदात किस थाना इलाके में हुआ है। अंततः कौआकोल थाने में ही एफआईआर हुआ। तब शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। लोग बताते हैं कि घटनास्थल के पास शराब की कई बोतलें बिखरा पड़ा था।

पेचीदा है मामला:-

वैसे, एक बात बता दें कि शव पूरी तरह से जला हुआ है। पहचान करना मुश्किल है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह साफ हो सकेगा की हत्या बाद उसे जलाया गया या सच में जिंदा ही जला दिया गया ? 

कहते हैं अधिकारी:-

एसडीपीओ पकरीबरावां महेश चौधरी ने बताया कि कौआकोल थाना में एफआईआर दर्ज हुआ है। विशेष जानकारी घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद स्पष्ट हो सकेगी।

अब सबसे बड़ा सवाल यह कि जब कौआकोल में ही प्राथमिकी होनी थी तब फिर इतना बिलम्ब क्यों?

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