भारत सरकार की तरफ से यूपीआई को लेकर नए प्लान बनाए जा रहे हैं। देश का यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) सिस्टम फिनटेक स्टार्टअप पर फोकस करने पर विचार कर रहा है। पिछले कुछ सालों में बहुत सारी ऐप्स की भारत में एंट्री हुई है और अब यूपीआई इकोसिस्टम को एक नई दिशा देने पर जोर दिया जा रहा है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही जानकारी देने जा रहे हैं-
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने क्रेड, फ्लिपकार्ट, फैमपे और अमेज़न पे जैसी ऐप्स के एग्जीक्यूटिव से मिलने वाला प्लान बनाया है। अभी देश में गूगल पे और फोन पे ऐप का एक तरफा राज है। लेकिन अब फोकस इस ऐप्स पर भी शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है। अन्य कंपनियों का देश में मार्केट शेयर बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
गूगल पे और फोन पे का शेयर है बहुत ज्यादा-
गूगल और फोन पे का करीब 86% मार्केट शेयर है। यानी ज्यादातर यूजर्स इन ऐप्स का ही यूज करते हैं। जबकि पेटीएम का मार्केट शेयर भी अचानक कम हुआ है। 2023 के अंत तक पेटीएम का मार्केट शेयर 13% था जो अब कम होकर 9.1% हो गया है। हालांकि इसके पीछे बड़ी वजह आरबीआई का फैसला भी है। लेकिन NPCI चाहता है कि अन्य ऐप्स का शेयर भी इस मार्केट में बढ़ना चाहिए।
मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए हो रहे फैसले-
रिपोर्ट की मानें तो NPCI की तरफ से विचार किया जा रहा है कि आखिर अन्य कंपनियां मार्केट में कैसे शेयर बढ़ा सकती हैं, इसके लिए उन्हें छूट भी दी जा सकती है। इसकी मदद से वह ये अन्य यूजर्स को भी दे सकती हैं। इससे यूजर्स का रुझान भी इसमें ज्यादा होगा। हालांकि अभी देखना होगा कि आखिर ये ऐप्स कैसे यूपीआई पेमेंट को बढ़ावा देती हैं और यूजर्स को अपने साथ जोड़ती हैं।
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