लोकसभा चुनाव 2024 में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर इलेक्शन कमीशन के पास लगातार शिकायतें आ रही हैं. इस बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार (8 अप्रैल 2024) को केंद्रीय चुनाव आयोग पहुंचा. टीएमसी ने चुनाव आयोग से ईडी, सीबीआई, एनआईए और इनकम टैक्स के चीफ को हटाने की मांग की है.
इस दौरान टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के बाहर 24 घंटे के धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया. हालांकि, धरने पर बैठते ही पुलिस टीम एक्शन में आ गई और सभी नेचाओं को वहां से हटा दिया गया. टीएमसी नेता डोला सेन ने कहा कि बीजेपी इन केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जांच एजेंसियों के चीफ को हटाकर अन्य पार्टियों के लिए समान मौके बनाए.
'लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी नेताओं को करवाना चाहती है गिरफ्तार'
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल NIA जांच को लेकर जिस तरह से राजनीति हो रही है, उसके खिलाफ केंद्रीय चुनाव आयोग में शिकायत देने पहुंचा है. टीएमसी नेताओं का कहना है कि चुनाव से पहले बीजेपी हमारे नेताओं को गिरफ्तार करवाना चाहती है.
डोला सेन ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के चीफ को बदला जाए. इसी के साथ टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मांग की है कि पश्चिम बंगाल सरकार को जलपाईगुड़ी में तूफान पीड़ितों की मदद करने की इजाजत दी जाए. जिससे उनके टूटे घरों को बनाया जा सके और अन्य मदद की जा सके.
'बीजेपी और एनआईए की है सांठ-गांठ'
टीएमसी नेता साकेत गोखले ने सवाल करते हुए कहा कि क्या केंद्र ने एनआईए के नए महानिदेशक की नियुक्ति से पहले निर्वाचन आयोग की मंजूरी ली थी और इस नियुक्ति की जांच कराने की मांग की. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय एजेंसियों के साथ बीजेपी की ‘सांठगांठ’ गहराती जा रही है.
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य गोखले ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता जितेंद्र तिवारी ने 26 मार्च को एनआईए के पुलिस अधीक्षक डीआर सिंह से मुलाकात की थी और उसी दिन सदानंद दाते को एजेंसी का नया प्रमुख नियुक्त किया गया.
गोखले ने दावा किया कि तिवारी कथित तौर पर एक ‘पैकेट’ के साथ सिंह से मिले थे और इस मुलाकात के दौरान, बीजेपी नेता ने निशाना बनाने के लिए उन्हें टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक सूची सौंपी थी.
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