साफ-सफाई को सुदृढ़ करने पर दिया गया जोर
विभिन्न वार्डों का निरीक्षण कर दिए गए निर्देश
मुख्य संवाददाता, नवादा :
जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच गुरुवार की देर रात सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल परिसर में गंदगी देख नाराजगी जताई और व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया। सर्जिकल वार्ड के अन्दर एवं बाहर, महिला एवं प्रसूति वार्ड, पैथोलौजी भवन के बाहर तथा सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर परिसर में गंदा पानी यत्र-तत्र फैला मिला। सर्जिकल वार्ड में पहुंचने पर पाया गया कि भवन काफी पुराना है तथा वर्तमान में कुल 22 बेड लगे हैं। इन सभी बेडों पर मरीज मिले। बेडों पर अलग-अलग रंग के चादर बिछे थे, जिसमें कुछ चादर गंदे भी थे। गुरूवार को पर्पल रंग का चादर बिछाने का प्रावधान होने की जानकारी दी गई। सर्जिकल वार्ड के हॉल में कुछ बेडों पर मरीजों को स्लाईन किया जा रहा था, उसकी विधिवत प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी है। इस संबंध में सिविल सर्जन, उपाधीक्षक, डीपीएम एवं अस्पताल प्रबंधक को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
साफ-सफाई व चिकित्सीय व्यवस्था करें दुरुस्त
जिला पदाधिकारी ने इमरजेंसी वार्ड पहुंचकर का भी जायजा लिया। सभी 20 बेडों पर मरीज मिले। निरीक्षण के वक्त डॉ. अमित कुमार मरीजों को इलाज कर रहे थे। निरीक्षण में पाया गया कि वार्ड में जगह की काफी कमी होने के कारण बेडों के बीच दूरियां कम हैं तथा एक दूसरे बेड लगभग सटे हैं। एएनएम एवं जीएनएम द्वारा भी अपने कक्ष में उपस्थित रहकर कार्य का संपादन किया जा रहा था। इमरजेंसी वार्ड में उपलब्ध साफ-सफाई की व्यवस्था एवं चिकित्सकीय व्यवस्था में और अधिक सुधार करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद उन्होंने महिला एवं प्रसुति वार्ड का निरीक्षण किया। सिविल सर्जन तथा उपाधीक्षक को भर्ती महिलाओं को विभागीय प्रावधानानुसार सभी चिकित्सकीय एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। डीएम ने जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय भी गए। निरीक्षण में पाया गया कि भव्या कार्यक्रम/ऐप से संबंधित कमांड एंड कंट्रोल रूम बंद है। साथ ही पाया गया कि जिला स्वास्थ्य समिति के मुख्य द्वार पर कार्यालय के नाम का कोई बोर्ड नहीं लगा है।
प्रतीक्षालय निर्माण के लिए भेजें संचिका
एसएनसीयू के निरीक्षण में पाया गया कि वार्ड में कुल 11 नवजात शिशु भर्ती हैं तथा इलाज डॉ. सुनील कुमार द्वारा किया जा रहा है। चिकित्सक ने डीएम को बताया कि इस वार्ड में किसी नवजात का सर्जरी नहीं की जाती है। एसएनसीयू के बाहर निकलने पर पाया गया कि एसएनसीयू के अंदर भर्ती नवजात की मां अथवा उनके अभिभावकों के प्रतीक्षा हेतु प्रतीक्षालय का निर्मित नहीं होने के कारण जिला स्वास्थ्य समिति के मुख्य द्वार पर जमीन पर बैठे हुए हैं। इस बाबत सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि एसएनसीयू के बाहर निर्मित होने वाले प्रतिक्षालय से संबंधित संचिका 24 घंटे के अंदर उपस्थापित करेंगे।
ऑक्सीजन पाइपलाइन को करें क्रियाशील
प्री फेब्रीकेटेड पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वार्ड में लगे बेड में चादर काफी गंदा है। लू वार्ड निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि प्री फेब्रीकेटेड पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड के ही आधे भाग में लू वार्ड के रूप में विकसित किया गया है। इस वार्ड में कुल 11 बेड को तैयार किया गया है। सिविल सर्जन, नवादा को निर्देश दिया गया कि लू-वार्ड में आकस्मिक स्थिति के मद्देनजर चिकित्सकों की रोस्टरवार प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित करेंगे। रैन बसेरा का निरीक्षण में पाया गया कि भवन में ऑक्सीजन पाइपलाइन है, किंतु वह क्रियाशील नहीं है। इस संबंध में भी आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। इमरजेन्सी वार्ड के मुख्य द्वार पर सदर अस्पताल, नवादा में कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी का संशोधित आदेश वर्ष 2022 का ही है। इसे अद्यतन किये जाने का निर्देश दिया गया।
डायलिसिस सेंटर का कराएं प्रचार प्रसार
सदर अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है, इसका समुचित प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है। इस सुविधा का प्रचार-प्रसार अस्पताल परिसर के अंदर तथा सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर बड़े फलैक्सों में करना सुनिश्चित करेंगे। पोस्टमॉर्टम हाउस के पास समुचित विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था भी किये जाने का निर्देश दिया गया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ. रामकुमार प्रसाद, उपाधीक्षक डॉ. एसडी अरैय्यर उपाधीक्षक, डीपीएम अमित कुमार, अस्पताल प्रबंधक कुमार आदित्य आदि मौजूद थे।
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