मतदान प्रतिशत बढ़ने पर बीएलओ ने लगाया लगाम, -अधिकारियों ने नहीं दिखायी रुचि

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मतदान प्रतिशत बढ़ने पर बीएलओ ने लगाया लगाम, -अधिकारियों ने नहीं दिखायी रुचि


नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया)
जिले लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराकर अधिकारी भले ही खुद अपनी पीठ थपथपा ले लेकिन इस चुनाव ने कइ अनुत्तरित प्रश्न उत्पन्न छोड़ दिया गया है। सबसे बड़ा सवाल मतदान प्रतिशत कम रहना है, जिसके लिए बीएलओ से लेकर अधिकारियों को जिम्मेदार माना जा रहा है। 

चुनाव आयोग ने मतदान के पूर्व मतदाताओं को घर घर मतदाता पर्ची पहुंचाने का निर्देश दिया था। जिला प्रशासन ने जिम्मेदारी बीएलओ पर छोड़ दी थी। बीएलओ ने इसकी जिम्मेदारी किसी और को सौंप अपने कर्तव्य की गति श्री कर ली। परिणाम रहा कि किसी बहुत सारे लोग पर्ची खोजते रह गये और मतदान से बंचित रह गए। फिर मतदान प्रतिशत कम होना स्वाभाविक था। 

जिंदा को कर दिया मुर्दा:-

बीएलओ की मनमानी इतने से कम नहीं हुई। कई जिंदा को मुर्दा कर दिया तो कई का नाम ही मतदाता सूची से गायब कर दिया। फिर मतदान प्रतिशत बढ़े तो कैसे? 

अधिकारियों ने भी दिखाई उदासीनता:- चुनाव आयोग ने विकलांग, दिव्यांग व 85 वर्ष से उपर के मतदाताओं को घर बैठे मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश निर्गत किया था। इसके लिये पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की थी। बीएलओ ने इनमें से अधिकांश की सूची सौंपी ही नहीं। यहां तक कि अधिकारियों ने प्रचार प्रसार तक कराना उचित नहीं समझा। 

90 वर्षीय दुलार देवी, विकलांग प्रवीण कुमार, संतोष कुमार जैसे सैकड़ों मतदान से बंचित रह गये। फिर प्रतिशत सिर्फ आइकॉन द्वारा जागरूक करने से थोड़े बढ़ जायेगा? 

उदाहरण के लिए नगर के अंसार नगर मुहल्ले के अनीस अंसारी जो मुहल्ले के विकलांग लोगों को व्हिलचेयर पर बैठाकर मतदान केंद्र तक पहुंचा रहे हैं। बावजूद प्रशासन मौन है। काश! प्रशासन इन सब बातों पर ध्यान दे पाती।

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