पीएम मोदी बुधवार को दरभंगा में थे. मौका था एम्स के शिलान्यास कार्यक्रम का. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो थे ही, साथ में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, नित्यानंद राय और राज भूषण चौधरी के साथ-साथ कई मंत्री, सांसद और विधायक भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री मोदी मंच पर मौजूद तकरबीन सभी नेताओं का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे और उनसे बातचीत भी कर रहे थे. लेकिन, अक्सर सार्वजनिक समारोहों में एलजेपी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से पहले जैसे मिलते थे, वह नजारा इस बार दरभंगा में नहीं दिखा. जबकि, पीएम मोदी की कुर्सी और चिराग पासावन की कुर्सी के बीच सिर्फ एक कुर्सी का ही फासला था. पीएम मोदी की बगल वाली कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे थे और नीतीश कुमार के बगल वाली कुर्सी पर चिराग पासावन बैठे थे.
हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि चिराग पासवान के हालिया बयानों से चाहे वह आरक्षण पर हो या फिर यूपीएससी में लैटरल एंट्री का मुद्दा हो या फिर जातिगत जनगणना के मसलों पर चिराग के सुर एनडीए से बदले हुए नजर आए थे. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि खुद को पीएम मोदी का ‘हनुमान’ बताने वाले चिराग पासवान इन वजहों से पीएम मोदी से दूर हो गए हैं?
चिराग पासवान से क्यों बनाई पीएम मोदी ने दूरी?
पीएम मोदी जिस गर्मजोशी के साथ चिराग पासवान से पहले मिलते रहे हैं, शायद वह गर्मजोशी इस बार नजर नहीं आई. ऐसा भी नहीं था कि पीएम मोदी मंच पर किसी दूसरे नेता से गर्मजोशी से मिल ही नहीं रहे थे. पीएम मोदी ने राज्यपाल से गुलदस्ता लिया, सीएम नीतीश कुमार का अभिवादन स्वीकार किया, मंगल पांडेय, संजय झा और गोपाल झा ठाकुर जैसे कई नेताओं से बात भी की. लेकिन, इन सबके बीच चिराग पासवान बिल्कुल अकेले नजर आ रहे थे. पीएम मोदी को जब मखाना की माला पहनाई जा रही थी तो सारे नेता उस माला के अंदर आए, लेकिन चिराग पासवान पहले उठे, लेकिन फिर उनसब के बीच से गायब हो गए.
एक कुर्सी की दूरी मगर…
हालांकि, पीएम मोदी के जाने के बाद चिराग पासवान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा में 12000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास किया जो बिहार के लोगों के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है… ये इस क्षेत्र के लोगों की बहुत बड़ी मांग थी. एक समय था जब पूरे देश में सिर्फ 2 एम्स अस्पताल थे. मैं अपनी और अपनी पार्टी की तरफ से उन्हें धन्यवाद देता हूं, जो सरकार इतनी बड़ी परियोजनाओं को जमीन पर लाने का काम कर रही है. विधानसभा चुनाव के बाद भी बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी और यह विकास रथ ऐसे ही चलता रहेगा.’
क्यों बीजेपी के लिए चिराग पासवान अहम हैं?
बिहार में बीजेपी के लिए चिराग पासवान काफी अहम हैं, लेकिन बिहार विधानसभा की 4 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में चिराग पासवान को लेकर कुछ विवाद सामने आ गया है. कहा जा रहा है कि चिराग पासवान एनडीए के सभी प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे हैं, लेकिन इमामगंज सीट की प्रत्याशी दीपा मांझी का अभी तक चुनाव प्रचार नहीं किया है. दीपा मांझी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू हैं. जीतन राम मांझी और चिराग पासवान के बीच कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं. ये भी चर्चाएं चल रही हैं कि इमामगंज में लगभग 20,000 पासवान मतदाता हैं, जिनसे मांझी की बहू के खिलाफ वोट करने के लिए कहा गया है. शायद चिराग पासवान की इन बातों की जानकारी पीएम मोदी को लगी है और उन्होंने दरभंगा एम्स के मंच पर चिराग को ज्यादा तवज्जो देना ठीक नहीं समझा.
आइये, बिहार में बिज़नेस करें, बिहार को सशक्त करें। जुड़ें विश्वास के नाम के साथ व्हाट्सप्प ग्रुप पर (Click to join): https://chat.whatsapp.com/ErmCLik9G3n15yXefnopW8
Post a Comment