आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर हर दिन राजनीति गर्मा रही है। गुरुवार को पार्टी ने एक बार फिर तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए। ताजा मामला, हाल ही में तिहाड़ जेल के अंदर हुई दो गुटों की झड़प से जुड़ा है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बार-बार कहने के बावजूद अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तिहाड़ जेल के अंदर पहले भी हत्याएं हो चुकी हैं और एक नहीं, कई बार हुई हैं। ऐसे में दिल्ली के सीएम की जान को खतरा है।तिहाड़ में कैदियों के दो गुटों के बीच हुई झड़प का हवाला देते हुए संजय सिंह ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल के साथ ऐसी कोई घटना हो गई, तो कौन जवाब देगा। उन्होंने कहा, 'मैं बार-बार कहता हूं कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक षडयंत्र रचा जा रहा है। उनकी जान को तिहाड़ जेल के अंदर खतरा है। अगर अरविंद केजरीवाल को कुछ हुआ, ये लोग तो मुंह बनाकर कैमरे पर आ जाएंगे। पिछले एक-डेढ़ साल में ही तिहाड़ जेल के अंदर कई हत्याएं हुई हैं। तो अरविंद केजरीवाल के साथ भी ये लोग ऐसी किसी घटना को अंजाम दिला सकते हैं। ये लोग खतरनाक हैं, शातिर हैं, 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी रखते हैं। किसी दिन मौका देखकर अरविंद केजरीवाल के साथ ऐसी ही कोई घटना करा देंगे।'21 मार्च को हुई थी केजरीवाल की गिरफ्तारी
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उन्हें तिहाड़ जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही उनकी सुरक्षा को लेकर आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार को घेरती रही है। हाल ही में आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज ने भी आरोप लगाया था कि ये पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल को खत्म करने की साजिश है। आम आदमी पार्टी ने सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन राहत नहीं मिलीएम्स की सलाह पर दिया गया इंसुलिन
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को ही अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 7 मई तक के लिए बढ़ाया है। इससे पहले सोमवार शाम को एम्स के डॉक्टरों की सलाह पर तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन दिया गया। दरअसल, आप आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि तिहाड़ जेल प्रशासन केंद्र सरकार के दबाव में अरविंद केजरीवाल की डायबिटीज को लेकर गलत और भ्रामक बयान जारी कर रहा है। इसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने एम्स को आदेश दिया है कि वह केजरीवाल की रेगुलर तौर पर जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड बनाए। साथ ही यह भी निर्धारित करे कि क्या उन्हें अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता है?
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